न रूकूँगी, न डरूंगी
और यूँ ही आगे बढ़ूँगी
मैं ढाल हूँ परिवार की,
बस यूँ ही रक्षा करूंगी
संग चलूँगी,संग बढ़ूँगी
न हो संघर्ष, तो क्या ये ज़िन्दगी
न हो कर्ष, तो क्या है बंदगी
तू झरना, मैं तेरी धार हूँ
तू कश्ती, मैं पतवार हूँ
तू है सहारा-ऐ-ज़िन्दगी,
तू है बाहर-ऐ -ज़िन्दगी,
तेरे बिन मैं कुछ भी नहीं
तू तलवार मैं तेरी धार हूँ
न डारूंगी बस चलूँगी
और यूँ ही आगे बढ़ूँगी।
मेरा सूर्य तू, मैं दिया तेरा
मेरा शौर्य तू, मैं धैर्य हूँ
मेरा पर्व तू, मेरा सर्व तू,
हर उलझन में मैं तेरे संग हूँ
मेरा बादल है तू, मैं पानी तेरा
सागर की इन लेहरों सी मैं
तू ही किनारा मेरा है
तुझ पे ही आकर मिलूंगी
न डरूंगी बस चलूँगी
और यूँ ही आगे बढ़ूँगी।
तू इक आँख, मैं दूजी हूँ
तू इक हाथ मैं दूजा हूँ
तू धड़कन है, मैं साँसे तेरी
ये साथ है इक दूजे का।
मत डरता जा, तू करता जा,
बस यूँ ही आगे बढ़ता जा,
मैं ढाल हूँ परिवार की,
संग चलूंगी -आगे बढ़ूँगी
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